रानी रामपाल ने किया रिटायरमेंट का ऐलान, बोलीं- मैंने कभी नहीं सोचा था कि

भारतीय वुमेंस हॉकी टीम की पूर्व कप्तान रानी रामपाल ने 30 साल की उम्र में संन्यास का ऐलान कर कर किसी को चौंका दिया है। रानी ने गुरुवार को अपने फैसले की पुष्टि कर 16 साल लंबे करियर का अंत किया। इसी के साथ उन्होंने महिला हॉकी इंडिया लीग में सूरमा के कोच के रूप में नई पारी का आगाज करने का भी ऐलान किया। 250 से अधिक मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व करने और 130 से अधिक गोल करने वाली रानी का भारतीय हॉकी में योगदान बहुत बड़ा रहा है। उन्होंने एक लीडर और खिलाड़ी के रूप में अपनी विरासत को मजबूत करते हुए, टोक्यो 2020 ओलंपिक में ऐतिहासिक चौथे स्थान पर पहुंचकर राष्ट्रीय टीम की कप्तानी की।

रानी के पिता ठेला खींचने का काम करते थे और वह अपने करियर के दौरान हरियाणा के एक छोटे से शहर से निकलकर लोगों के लिए प्रेरणा बनीं।रानी रामपाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “यह एक शानदार यात्रा रही है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं भारत के लिए इतने लंबे समय तक खेलूंगी। मैंने बचपन से ही काफी गरीबी देखी है, लेकिन मेरा ध्यान हमेशा कुछ करने पर था, देश का प्रतिनिधित्व करने पर।”

उन्होंने मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में भारत बनाम जर्मनी मैच से पहले बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा था, “मेरे जीवन का सबसे कठिन क्षण वह है जब हम टोक्यो ओलंपिक में अर्जेंटीना के खिलाफ सेमीफाइनल मैच हार गए थे। फाइनल में जगह नहीं बना पाने की निराशा के साथ, हमें 24 घंटे में कांस्य पदक मैच के लिए खुद को तैयार करना था।”

रानी ने 2008 में ओलंपिक क्वालीफायर में 14 साल की उम्र में अपना अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया था, रानी ने भारत के लिए अपने 254 मैचों में 205 गोल किए। उन्हें 2020 में मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया और उसी वर्ष देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री से भी सम्मानित किया गया।

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