अपर प्रमुख संरक्षक व वन संरक्षक शिवालिक ने कोटद्वार वन प्रभाग तथा लैंसडाउन भूमि संरक्षण वन प्रभाग क्षेत्रो का वन अग्नि प्रबंधन की समीक्षा व किया स्थलीय निरीक्षण

Tun न्यूज़, अपर प्रमुख वन संरक्षक नरेश कुमार ने वन संरक्षक शिवालिक राजीव धीमान के साथ कोटद्वार वन प्रभाग व लैंसडौन भूमि संरक्षण वन प्रभाग के क्षेत्रों का वनाग्नि प्रबंधन की समीक्षा व स्थलीय वास्तविकता जानने हेतु क्षेत्र का भ्रमण किया कोटद्वार होते हुए मोड़ाखाल पहुंच कर डीएफओ कोटद्वार आकाश गंगवार व डीएफओ लैंसडौन भूमि संरक्षण स्पर्श काला ,एसडीओ कोटद्वार रजत कपिल

एसडीओ भूं0 सं0 प्रशांत हिंदवाण, से वनाग्नि सम्बन्धित विस्तृत जानकारी ली उसके पश्चात दुगड्डा रेंज कार्यालय में अधिकारीयों के साथ साथ रेंज अधिकारीयों की भी बैठक ली जिसमे वन क्षेत्राधिकारी मटियाली/ जयहरीखाल, बिशन दत्त जोशी, वन क्षेत्रा0 कोटद्वार – विपिन जोशी, वन क्षेत्रा0 दुगड्डा उमेश जोशी उपस्थित रहे. बैठक में अपर प्रमुख वन संरक्षक द्वारा रेंजरों से रेंजों में उपलब्ध संसाधनों के बारे में जानकारी ली,साथ ही यह भी निर्देश दिये की फिल्ड स्तर पर किसी भी प्रकार की कमी ना करें फायर श्रमिकों को जूते, गुड़ चन्ना, पानी आदि रेंज स्तर पर उपलब्ध कराया जाय यदि बजट की कमी हो तो मांग उच्च स्तर को भेजी जाये, तथा वनाग्नि से निपटने के लिये एक रोड़ मैप तैयार कर राजस्व विभाग व स्वयं सहायता समूहों से भी सम्पर्क कर आग लगाने वालों को चिन्हित कर कार्यवाही करें ,इसमें किसी भी प्रकार की कोताही ना बरती जाये , वन मंत्री उत्तराखण्ड शासन के निर्देशानुसार वन क्षेत्रों से गुजरने वाली पानी की लाइनों से वन क्षेत्रों में T प्वाइंट छोड़ने के लिये जल निगम से सम्पर्क करने को कहा गया ताकि वनाग्नि की घटना के समय पानी का उपयोग कर्मचारियों को पीने व आग बुझाने में उपयोग किया जा सके, साथ ही अच्छा सहयोग देने वाली 3 या 4 ग्राम पंचायतों व वन पंचायतों को जोड़कर जिनके भूमि का क्षेत्रफल 500 हे0 तक हो वनाग्नि सुरक्षा समितियों का गठन कर समीक्षा हेतु वन संरक्षक स्तर को भेजने के निर्देश दिये, अंत में वन संरक्षक शिवालिक ने सभी अधिकारीयों कर्मचारियों को एक टीम के रूप में काम करने व लापरवाही ना बरतने के निर्देश दिये वनाग्नि काल में समर्पित होकर काम करने बावत कर्मचारियों व फायर वाचरों को प्रोत्साहित करने व आग बुझाने वालों को बैकप टीम से खाने पीने की सहायता पहुंचाने के अधिकारीयों को निर्देश दिये, व प्रभाग स्तर पर समय समय पर व्यवस्था की समीक्षा करने के डीएफओ को निर्देश दिये गये.

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