भारत ने शनिवार को ईरान पर इजरायल के हमलों के बाद मध्य पूर्व में बढ़ते तनाव पर गहरी चिंता व्यक्त की। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, “हम पश्चिम एशिया में बढ़ रहे तनाव और इसके क्षेत्रीय और वैश्विक शांति और स्थिरता पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर गहराई से चिंतित हैं। हम सभी संबंधित पक्षों से संयम बरतने और वार्ता तथा कूटनीति के मार्ग पर लौटने का आग्रह करते हैं।”
विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया, “वर्तमान झगड़ा किसी के भी हित में नहीं है, जबकि निर्दोष बंधक और नागरिक आबादी लगातार पीड़ित हो रहे हैं।” मंत्रालय ने यह भी बताया कि क्षेत्र में स्थित भारतीय मिशन भारतीय समुदाय के संपर्क में हैं और उनकी सुरक्षा के लिए लगातार निगरानी बनाए हुए हैं। भारत की इस प्रतिक्रिया को क्षेत्र में शांति बनाए रखने के प्रयासों के तहत देखा जा रहा है, जिसमें भारत ने स्पष्ट रूप से सभी पक्षों को संयम और संवाद का रास्ता अपनाने की सलाह दी है।
इजरायल ने मिसाइल हमलों का बदला लेने के लिए ईरान पर हवाई हमले किए, पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ा
इजरायल ने शनिवार सुबह ईरान पर हवाई हमले किए और कहा कि उसने ईरान द्वारा इस महीने की शुरुआत में इजराइल पर दागे गए बैलिस्टिक मिसाइलों के जवाब में उसके सैन्य स्थलों को निशाना बनाया। विस्फोटों की आवाज ईरान की राजधानी तेहरान में भी सुनी गईं लेकिन इस्लामी गणराज्य ने जोर देकर कहा कि इन हमलों से केवल “सीमित क्षति” हुई है।
इन हमलों ने दोनों कट्टर शत्रुओं के बीच ऐसे समय में पूर्ण युद्ध का खतरा बढ़ा दिया है जब पश्चिम एशिया में ईरान समर्थित चरमपंथी समूह- गाजा में हमास और लेबनान में हिजबुल्ला- पहले से ही इजराइल के साथ युद्धरत हैं। यह पहली बार है जब इजरायल की सेना ने ईरान पर खुलेआम हमला किया। इसके अलावा, 1980 के दशक में इराक के साथ युद्ध के बाद से किसी शत्रु देश ने ईरान पर इस प्रकार पहली बार लगातार हमले किए हैं।
इजरायल के घंटों चले हमले तेहरान में सूर्योदय से कुछ देर पहले ही समाप्त हुए। इजरायल ने कहा कि उसने ईरान में मिसाइल निर्माण संयंत्रों और अन्य स्थलों को निशाना बनाकर हमले किए। उसने कहा कि ईरान में हमले करने के बाद उसके विमान ‘‘सुरक्षित स्वदेश लौट आए हैं।’’ इजरायली सेना ने कहा कि उसके विमानों ने ‘‘उन मिसाइल निर्माण संयंत्रों पर हमला किया, जिनका इस्तेमाल उन मिसाइलों को बनाने के लिए किया जाता था जिन्हें ईरान ने पिछले साल इजरायल पर दागा था।’’
सेना ने कहा, ‘‘इन मिसाइल ने इजरायल के नागरिकों के लिए सीधा और तत्काल खतरा पैदा किया।’’ उसने कहा कि उसने ‘‘सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों और उन अतिरिक्त ईरानी हवाई क्षमताओं पर भी हमला किया, जिनका उद्देश्य ईरान में इजरायल की हवाई संचालन स्वतंत्रता को प्रतिबंधित करना था।’’ इजरायल ने इन हमलों से हुए नुकसान का कोई शुरुआती आकलन मुहैया नहीं कराया।
शुरुआत में माना जा रहा था कि ईरान के एक अक्टूबर के हमले के जवाब में इजरायल उसके परमाणु केंद्रों और तेल प्रतिष्ठानों को निशाना बना सकता है, लेकिन अक्टूबर के मध्य में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन ने बताया कि उसे इजराइल ने आश्वासन दिया है कि वह ऐसे केंद्रों पर हमला नहीं करेगा।
